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BSEB 12th biology subjective question chapter 1. 2024

1. जनन (Reproduction) 

Class 12th Biology Subjective Type Question जीवों में जनन Chapter in Hindi 

 

 

 

 

 

Q. 1.अलैंगिक तथा लैंगिक जनन में सोदाहरण अंतर स्पष्ट करें 

.1. Ans. अलैंगिक जनन : बैक्टीरिया, कवक, प्रोटोजोआ, शैवाल तथा अनेक पौधों और जन्तुओं में अलैंगिक जनन होता है। इस प्रकार के जनन में केवल एक ही जनक की आवश्कता पड़ती है। इस प्रकार से प्राप्त संतति आनुवंशिक रूप से समान होने के साथ-साथ आपस में भी

समान होते हैं। इस प्रकार से प्राप्त संतति को एक पूँजक या क्लोन कहते हैं। लैंगिक जनन : लैंगिक जनन लगभग सभी जीवधारियों में पाया जाता है, उच्चवर्गीय पौधे तथा जन्तुओं में यह जनन की एकमात्र विधि है। लैंगिक जनन वाले विपरीत लिंगवाले जीवों द्वारा नर तथा मादा युग्मक बनाए जाते हैं। नर युग्मक तथा मादा युग्मक के संलग्न से युग्मनज बनता है जो विकसित होकर नये जीव को जन्म देता है।

Q.2. रोग का प्रसार कैसे होता है? संक्षेप में लिखें।

Ans. शारीरिक अंगों की कार्य-प्रणाली का दोषपूर्ण हो जाना रोग कहलाता है। मात्र रोग की अनुपस्थिति से मानव का स्वास्थ्य अच्छा है, यह भी सही नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार (पूर्ण/अच्छे स्वास्थ्य हेतु रोग की अनुपस्थिति के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक परिपूर्णता अनिवार्य है, यानि वही मानव अच्छे स्वास्थ्य का मालिक है जो शारीरिक विकलांगता, मानसिक अनिश्चितता, सामाजिक तथा मनोवैज्ञानिक तनाव एवं चिन्ता से मुक्त है। अतः, किसी कारणवश शारीरिक तथा मानसिक या मनोवैज्ञानिक समंजस्य का विनष्ट होना रोग का कारण है। संतुलन विनाश संक्रमकता त्रय द्वारा होता है संक्रामकता में अभिकर्त्ता कारक जिनकी कमी या अधिकता रोग उत्पन्न होता है, वे हैं- (i) संक्रमण, (ii) उद्भवन अवधि, (iii) संक्रमण स्रोत या संक्रमण का भण्डार।

 

Q.3. अन्तः प्रजनन क्या है?

Ans. एक ही नस्ल के पशुओं के मध्य जब प्रजनन होता है तो वह अन्तः प्रजनन कहलाता है। जबकि भिन्न-भिन्न नस्लों के मध्य प्रजनन होता है तो वह बहिः प्रजनन कहलाता है।

Q.4. दोहरा निषेचन से आप क्या समझते हैं ?

What do you understand by Double Fertilization.

Ans. द्विनिषेचन प्रायः आवृतबीजी पौधों में पाया जाता है। भ्रूणकोष (embryo sac) के अंदर पहुँचने के बाद पराग नलिका (pollen tube) से नरयुग्मक (male gametes) बाहर निकल आते हैं। इनमें से एक नरयुग्मक अंड कोशिका (egg cell) से संगलन (fusion) करता है और युग्मनज (zygote) बनाता है। दूसरा नरयुग्मक ध्रुवीय केन्द्रको (polar nuclei) से संलयन (fusion) करता है। निषेचन से पूर्व दोनों ध्रुवीय केन्द्रक (polar nuclei) मिलाकर द्वितीयक केन्द्रक (secondary nucleus) बनाते हैं। द्वितीयक केन्द्रक तथा नरयुग्मक के संगलन से बनी संरचना को प्राथमिक भ्रूणपोष केन्द्रक (primary endosperm ) कहते हैं।

दोहरे निषेचन का महत्व :

1. द्विनिषेचन का आवृतबीजी पौधों में विशेष महत्व है। यदि पौधे में केवल संयुग्मन (syngamy) होता है और त्रिसंलयन (triple fusion) नहीं हो तो भूणपोष नहीं बनेगा और उसके फलस्वरूप अविकसित भ्रूण वाला बीज बनेगा या बीज भ्रूणहीन होगा। 2. द्विनिषेचन के फलस्वरूप दो भ्रूणपोष का निर्माण होता है। भ्रूणपोष ही भ्रूण को भोज्य

पदार्थ उपलब्ध कराता है। भ्रूणपोष में मातृ एवं पितृ गुणसूत्र (maternal and paternal

chromosomes) पाए जाते है। अंतः भूणपोषीय कोशिकाओं में शंकर ओज (hybrid vigour)के कारण शरीर क्रियात्मक आक्रामकता (physiological aggressiveness) दिखाती है।

 

Q.5. मानव अंडाशय (human ovary) के क्रॉस काट का सुनामांकित चित्र बनाएँ।

Ans. परिपक्व मानव अंडाशय के काट का नामांकित चित्र द्वारा वर्णन इस प्रकार

 

 

Q.6. मदचक तथा ऋतुस्राव चक्र के बारे में स्पष्ट करें।

Ans. मदचक्र तथा साव चक्र (Oestrus cycle and menstrual cycle) : अपरास्तनी स्तनपायी जीवों (placental mammals) में जनन अवस्था में शारीरिक बदलाव आने लगते हैं। इनमें अंडाशय की संक्रियता तथा सहायक वाहिका और हॉर्मोन में परिवर्तन आने लगते हैं। ननप्राइमेट (nonprimate) स्तनधारियों में पाए जानेवाले चक्र को मदचक्र कहते हैं। गाय, कुत्ता, चीता, हिरण, चूहा, भेड़ आदि में मदचक्र पाया जाता है। इस प्रकार का चक्र जब प्राइमेट

में पाया जाता है तब उसे ऋतुस्राव चक्र कहते हैं। उदाहरण के लिए, ऋतुस्राव चक्र मनुष्य,

बंदर तथा गोरिल्ला में पाया जाता है।

Q.7. सूक्ष्म प्रजनन क्या है?

 

Ans. ऊतक संवर्द्धन (Tissue Culture) .की वह विधि जिसके द्वारा कोशिका विभाजन

से नए पौधे का जन्म होता है।

Q.8. वंध्यता (Infertility) पर संक्षिप्त विवरण दें। परखनली शिशु (टेस्ट-ट्यूब बेबी) किसे कहते हैं?

Ans. जब दंपत्ति उन्मुक्त सहवास के पश्चात् भी बच्चे पैदा करने में असमर्थ होते है, बंध्यता कहलाती है। इसके अनेक कारण हैं जो शारीरिक, जन्मजात, जन्म के रोग, औषधिक, प्रतिरक्षात्मक और मनोवैज्ञानिक भी हो सकते है। इससे स्त्री या पुरुष दोनों प्रभावित हो सकते है। ऐसी परिस्थिति में कुछ विशेष तकनीकों द्वारा बच्चे पैदा करने में मदद की जा सकती है जो सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी कहलाती है। पात्रे निषेचन (आइ बी एफ) के द्वारा भ्रूण स्थानांतरण ऐसा ही एक उपाय है। इस विधि को टेस्ट ट्यूब बेबी के नाम से भी जाना जाता है।

Q.8. मोनोकार्पिक फलों की सोदाहरण परिभाषा दीजिए।

(Explain the Monocarple fruits with example.)

Ans. मोनोकार्पिक फलों के पौधे अपने जीवनकाल में केवल एकबार पुष्प धारण करते हैं तथा फल उत्पन्न करते हैं और फिर मृत हो जाते है जैसे गेहूं, चावल, मूली तथा गाजर आदि।

Q.10. क्यों वानस्पतिक प्रजनन भी अलैंगिक प्रजनन का एक प्रकार माना जाता है ?

Ans. Flower को छोड़कर पौधे के किसी भी अन्य भाग में नये पौधे के उत्पन्न होने कि प्रक्रिया अलैंगिक प्रजनन कहलाती है। ऐसे पौधे आनुवंशकीय रूप से भी समान होते हैं।

Q.11. मानव पर के वृषण (testes of hurrian males) को वाल उदरीय (extra-abdominal) क्यों माना जाता है? इस परिस्थिति का क्या महत्व है?

Ans. मानव का Testes शरीर से बाहर Scrotum Sac में होता है। इसे extra abdominal कहते है। यह Spermatogenesis के लिए अनुकूल तापक्रम उपलब्ध कराता है।

Q.12. निषेचन के दौरान एक्रोसोम (ncrosome) द्वारा स्रावित रासायनिक पदार्थों (chemicals) के नाम लिखें एवं उनके कार्य बताएँ।

Ans. निषेचन के समय एक्रोसोम से स्रावित रासायनिक पदार्थ निम्न है-

Sperm enzyme Lysine स्रावित होता है जो ova के Follide layer को पुला देता है। • Hylourinidase – जो hylourinic acid उत्पन्न करता है।

• कोरोना पेनेट्रेटिंग enzyme जो कोरोना रेडिएटा को घुला देता है।

• जोना लायसिन जो जोना पेलुसिडा (Pellucida) पर असर डालता है।

Q.13. ट्रोफोएक्टोडर्म एवं एक्टोडर्म (trophoectoderm and cctoderm) में विभेद स्थापित करें।

Ans. Tropho Ectoderm, Trophoblast की परिधीय Cells का बना लेता है जबकि Ectoderm, Gastrula का बाहरी Cellular स्तर है। Ectoderm की कोशिकाओं से वना मस्तिष्क, मेरुरज्जू तथा तंत्रिका बनते हैं।

Q.14. मानव अपरा (human placenta ) द्वारा स्रावित हॉर्मोन का नाम बताएँ।

Ans. Oestrogen, एवं Progesteron, अपरा अनेक प्रकार के हार्मोन स्रावित करता है।

• Human chorionic gonadotrophin (hCG) • Human placeta Lactogen (hPL).

Q.15. कोलोस्ट्रम क्या है? नवजात शिशुओं के लिए यह क्यों आवश्यक है ?

Ans. शिशु के जन्म के पश्चात् माँ से उत्पन्न प्रथम दुग्ध coloastrum कहलाता है, इसमें अत्यधिक protein होता है। इसमें Antibody कि अधिकता होती है जो शिशु में Immunity (प्रतिरक्षा तन्त्र) को बढ़ाता है।

 

Q.16. पुरुष नसबंदी तथा स्त्री नसबंदी (vasectomy and tubectomy) में अन्तर स्पष्ट करें।

Ans. Vasectomy : यह विधि पुरुषों के बंध्याकरण के लिए उपयुक्त है। इसमें Vas

deference को काटकर धागे से बाँध दिया जाता है जिससे शुक्राणु का प्रवाह बाधित हो जाता है।

Tubectomy: यह विधि स्त्री के बंध्याकरण के लिए उपयुक्त है। इसमें fallopian tube को काटकर धागे से बाँध दिया जाता है जिससे अंडाणु के निषेचित होने की क्रिया बाधित हो जाती है। Q.17. किन्हीं चार यौन संचारित रोगों (STDs) एवं उनके कारकों (causative agents) के नाम लिखो (2017) Ans. (i) सिफलिस, (ii) गोनोरिया, (iii) क्लैमेडिया तथा (iv) AIDS HIV virus द्वारा

संक्रमित होने पर और (v) हर्पिस-सिंप्लेक्स वायरस II द्वारा संक्रमित होने से।

(i) सिफलिस इसके कारक बैक्टेरिया Treponema pallidum द्वारा संक्रमण है। – (ii) गोनोरिया इसके कारक बैक्टेरिया Nisseria gonorrhoean द्वारा संक्रमण है। – (iii) क्लैमाइडिया इसके कारक बैक्टेरिया Chlamydia trachomatis द्वारा संक्रमण है।

Q.18, सिफिलिस (syphilis) के लक्षण क्या-क्या है?

Ans. सिफिलिस जीवाणु जन्य (Treponema pallidus) यौन संचारित रोग है। इसके कुछ लक्षण निम्न है— (i) Genital organ (जननांग) में खुजलाहट, (ii) जननांग के चारों तरफ दाना निकलना तथा इसमें पस (pus) आ जाता है, (iii) इसके चारों ओर के Lymph gland. में सूजन होना। इससे आँख, नाक, मस्तिष्क भी संक्रमित हो जाता है। ,

Q.19. विपुंसन से आप क्या समझते हैं। इसका उपयोग बताएँ।

Ans. पुष्पकली से परागकोष के स्फुटन के पहले ही परागकोष को हटा देना विपुंसन कहलाता है। इसका प्रयोग व्यापारिक दृष्टि से पौधों की उत्तम किस्मों को प्राप्त करने में किया जाता है।

विषुसन के कारण विभिन्न स्पेशीज या वंश के बीच परपरागण कराया जाता है जिससे वािं

लक्षणों को प्रवेश कराया जा सके।

Q.20. अनिषेकजनन (Parthenogenesis) से आप क्या समझते हैं?

Ans. कभी-कभी निषेचन हुए बिना भी अण्डाशय फल में विकसित हो जाता है तो ऐसे फल को अनिषेक फल तथा फल बनने की इस क्रिया को अनिषेक जनन कहते हैं। जैसे- केला, पपीता, सन्तरा, नाशपाती इस प्रकार के फल बीजहीन होते हैं। कभी-कभी अनिषेकजनन में

परागण होता है परन्तु निषेचन नहीं होता। कुछ फलों में परागण एवं निषेचन दोनों नहीं होता।

Q.21. सेव का फल (fruit in Apple) पुष्प के किस भाग से बनता है? सेव को मिथ्या फल

(false fruit) क्यों कहते है ?

Ans. सेव के फल का निर्माण पुष्प के पुष्पासन से होता है। सेव का पुष्पासन चारों ओर से बढ़कर अण्डाशय को घेर लेता है। इसलिए इसे कूट फल या आभासी फल कहते हैं। इस तरह के फल के अन्य उदाहरण है- रसभरी, अखरोट ।

Q.22. समूह फल और संग्रथित फल (Aggregate and Composite fruits) में अन्तर बतायें। Ans. समूह. फल (Aggregate Fruit) ये फल बहुआण्डपी एवं कई स्वतंत्र स्त्रीकेसर से विकसित होते हैं। प्रत्येक अंडप (Carpel) से एक-एक सरल फल बनते हैं जो एक समूह में मिलकर रहते हैं। जैसे- शरीफा, कमल, चम्पा ।

संग्रथित फल (Composite Fruit) : ये फल सम्पूर्ण पुष्पक्रम से विकसित होते हैं,

जैसे- कटहल, अनन्नास, अंजीर आदि।

Q.23. नारी (स्त्री) में होने वाली अंडजनन (Oogenesis) प्रक्रिया को चित्र द्वारा बताएँ जिसमें इसके विभिन्न अवस्थाओं तथा गुणसूत्रों की संख्या प्रदर्शित हो

Q.24. मनुष्य के गर्भाशयी दीवार (uterine wall) के विभिन्न स्तरों का नाम और चरित्र को बताएँ इनमें से किस स्तर में चक्रीय क्रम में परिवर्तन होता है

? Ans. गर्भाशय की भित्ति में तीन स्तर होते हैं:- (i) Endometrium : यह सबसे भीतरी स्तर है, जो स्तम्भी, पक्ष्माभि तथा प्रथियुक्त कोशिकाओं द्वारा निर्मित होती है। यह गर्भाशय की गुहा को स्तरित करती है।

(ii) Myometrium: यह गर्भाशय का मध्य स्तर बनाता है, जो सिकनी पेशियों द्वारा निर्मित होती है।

(iii) Perimetrium: गर्भाशय की बाहरी दीवार को Perimetrium कहते है जिसका निर्माण संयोजी ऊतकों द्वारा होता है। गर्भाशय के Endometrium में चक्क्रिय परिवर्तन होता है।

Q.25. अंडा में होने वाली निषेचनोत्तर घटनाओं का वर्णन करें। (Describe the post fertilization events occurring in eggs.)

 

Ans. निषेचन के फलस्वरूप Egg cell (n) Diploid (2n) Zygote के परिणत होता है।

यह Cleavage के द्वारा क्रमश: morula, Blastula तथा Gastrula में विकसित होकर Embryo

तथा पुनः वृद्धि कर अपने Parent के समान जीव में परिवर्तित हो जाता है। यह परिवर्तन Cleavage

तथा Growth Mitosis के द्वारा होता है।

Gastrula में Ectodem, Mesoderm तथा Endoderm का निर्माण हो जाता है, तथा इन्हीं तीनों layeres से जीव का पूरा विकास होता है।

Q.26. कोरक पुटी (Mesoderm) के निर्माण का वर्णन करें।

Ans. Formation of Mesoderm Blastopore के चारो ओर से कोशिकाएँ अन्दर धँसकर Mesodermal-layer का निर्माण करती है। Dorsal lip की ओर धँसनेवाली Cells Endoderm से मिलकर Mesoderm का निर्माण करती है। ये फिर अलग होकर Dorsal Mesoderm बनाती है। Lateral lip से कोशिकाएँ धँसकर Archenteron एवं Ectoderm के बीच Lateral Mesoderm बनाती है। Ventral lip से भीतर की ओर धँसकर कोशिकाएँ basal mesoderm बनाती है। शरीर के दोनों ओर स्थित Mesoderm तीन भागों में बेटी रहती हैं-

(i) Dorsal Mesoderm जिसे Epimere कहते हैं। (ii) Mid Mesoderm जिसे Mesomere या Nephrotome कहते हैं। (iii) Mesoderm के basal भाग को Hypomere या lateral plate कहते हैं।

Q.27. कलिका तथा पत्र प्रकलिका को उपयुक्त उदाहरण सहित परिभाषित करें।

Ans. कलिका : कोशिका में पैतृक पिंड के किसी निकले भाग से कलियाँ निकल कर उसी के साथ लिपटी रहती हैं या अलग हो जाती हैं, कलिका कही जाती हैं। जैसे- सूर्यमुखी, आलू आदि।

पत्र प्रकलिका : पत्तियों द्वारा उत्पादन में कुछ पौधो नए पौधे उत्पन्न करते हैं इसे पत्र प्रकलिका कहा जाता है। जब ये पूर्ण आकार के हो जाते हैं तो नये पौधे उत्पन्न कर पौधों से अलग हो जाते हैं। अर्थात् कायिक जनन में मदद करते हैं जैसे- बेगोनिया (Begonia) आदि।

Q.28. द्विविखण्डन तथा बहुविखण्डन को उदाहरण के साथ समझायें 

(Explain binary fission and multiple fission with the help of examples.)

Ans. द्विविखण्डन (Binary fission) : यह अलैंगिक जनन में सरलतम विधि है। इस प्रकार का अलैंगिक जनन एक कोशिकीय प्राणियों जैसे अमीबा, युग्लीना, पैरामीशियम तथा प्लैनेरिया में पाया जाता है। इस विधि में पूर्ण विकसित जनक प्राणी (या मातृ कोशिका) का केन्द्रक तथा कोशिकाद्रव्य दो समान सन्तति या पुत्री कोशिकाओं में विभाजित हो जाता है और इस प्रकार दोनों पुत्री कोशिकाएँ वृद्धि करके दो नये जीव बन जाते हैं। द्विखण्डन में जनक का पूरा शरीर ही जनक इकाई के रूप में कार्य करता है। जनक शरीर के सन्तति प्राणियों में विभाजित हो जाने के कारण जनक व सन्तति प्राणी साथ-साथ नहीं रह पाते हैं। सन्तति प्राणियों के निर्माण के साथ ही जनक के शरीर का अस्तित्व समाप्त हो जाता बहुविखण्डन (Multiple fission): इस प्रकार का जनन भी एककोशिकीय प्राणियों; जैसे- अमीबा (Amoeba), मलेरियाणु (Plasmodium) आदि में पाया जाता है। इस विधि में केन्द्रक (nucleus) बार-बार विभाजित होकर अनेक पुत्री केन्द्रकों में विभाजित हो जाता है किन्तु प्रत्येक केन्द्र विभाजन के साथ कोशिकाद्रव्य (cytoplasm) का विभाजन नहीं होता है। 

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