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1. बातचीत की कला अर्थात् ‘आर्ट ऑफ कनवरशेसन’ क्या है?
‘उत्तर: प्रस्तुत निबंध में वाक्शक्ति की महत्ता तथा आर्ट ऑफ कनवरशेसन के आकर्षण शक्ति को प्रतिबिंबित किया गया है। यूरोप के लोगों का ‘आर्ट ऑफ कनवरशेसन’ जगत् प्रसिद्ध हैं। आर्ट ऑफ कनवरशेसन’ का अर्थ है- वार्तालाप की कला। ‘आर्ट ऑफ कनवरशेसन के हुनर को बराबरी स्पीच और लेख दोनों नहीं कर पाते। इस हुनर की पूर्ण शोभा काव्यकला विद्वतमंडली में है। इस कला के माहिर व्यक्ति ऐसे चतुराई से प्रसंग छोड़ते हैं कि श्रोताओं के लिए बातचीत कर्णप्रिय तथा अत्यंत सुखदायी होते हैं। सुहृद गोष्ठी इसी का नाम है। सुहृद गोष्ठी की विशेषता है कि वक्ता के वाकचातुर्य का अभिमान या कपट कहीं प्रकट नहीं हो पाता तथा बातचीत की सरसता बनी रहती है।
प्रश्न 2. बातचीत के संबंध में वेन जॉनसन और एडीसन के क्या विचार है?
उत्तरः मनुष्य की गुण-दोष प्रकट करने के लिए बातचीत आवश्यक है। वेन जॉनसन के अनुसार, “बोलने से ही मनुष्य के रूप का साक्षात्कार होता है, जो सर्वथा उचित है।” एडीसन के मतानुसार- “असल बातचीत सिर्फ दो व्यक्तियों में हो सकती है, जिसका तात्पर्य यह हुआ कि जब दो आदमी होते हैं तभी अपना एक-दूसरे के सामने दिल खोलते हैं। तीसरे की उपस्थिति मात्र से ही बातचीत की धारा बदल जाती है।” तीन व्यक्तियों के बातचीत की मनोवृत्ति के प्रसरण की वह धारा बन जाती है मानो उस त्रिकोण की तीन रेखाएँ हैं। बातचीत में जब चार व्यक्ति लग जाते है तो ‘बेतकल्लुफी’ का स्थान ‘फॉर्मिलिटि’ ले लेती है।
प्रश्न 3. अगर हममें वाक्शक्ति न होती, तो क्या होता?
उत्तर : ईश्वर द्वारा प्रदत्त शक्तियों में वाक्शक्ति मनुष्य के लिए वरदान है। वाक्शक्ति के अनेक फायदों में ‘स्पीच’ वक्तृता और बातचीत दोनों का समावेश होता है। वक्त के अभाव में श्रृष्टि गूँगी रहती। वाक्शक्ति के अभाव में मनुष्य सुख-दुख का अभाव अन्य इन्द्रियों के द्वारा करता है और सबसे विकट स्थिति तो आपस में संवादहीनता की स्थिति होती। बातचीत जहाँ दो आदमी का प्रेमपूर्वक संलाप है, वाक्शक्ति के अभाव में गुटीली व्यंग्यात्मक बात कहकर तालियाँ बटोरना भी संभव न होता।
प्रश्न 4. “कहती है तुम राजा हो मेरे मुल्क को बचाने आए हो।” वजीरा के इस कथन मे किसकी ओर संकेत है?
उत्तरः यह कशन इंगलैंड की महिला (फिरंगी मेम) ने कहा था। फिरंगी मैम से ब्रिटेन, उत्तरः लहनासिंह ‘उसने कहा था’ का नायक है। लहनासिंह जर्मनी की लड़ाई में लड़ने फ्रांस आदि की ओर संकेत है।
प्रश्न 5. लहनासिंह कौन था?
जाने वाले नम्बर 77 सिख राइफल्स में जमादार है।
प्रश्न 6. सूबेदार और उसका लड़का लड़ाई में क्यों गये?
उत्तर: सूबेदार और उसका लड़का जर्मन सैनिको के विरुद्ध लड़ने गए थे।
प्रश्न 7. जयप्रकाश नारायण की पत्नी का क्या नाम था ? वह किसकी पुत्री थी ? (2021 S+C)
उत्तर: जयप्रकाश नारायण की पत्नी का नाम प्रभावती देवी था। वे प्रसिद्ध गाँधीवादी ब्रजकिशोर प्रसाद की पुत्री थी।
प्रश्न 10. दलविहीन लोकतंत्र और साम्यवाद में कैसा संबंध है?
उत्तर: जयप्रकाश जी के अनुसार दलविहीन लोकतंत्र मार्क्सवाद और लेनिनवाद के भूल उद्देश्यों में है। मार्क्सवाद के अनुसार समाज जैसे-जैसे साम्यवाद की ओर बढ़ता जाएगा, वैसे-वैसे राज्य-स्टेट का क्षय होता जायेगा और अंत में एक स्टेटलेस सोसाइटी (राज्यविहीन समाज) कायम होगा। यह समाज अवश्य ही लोकतांत्रिक होगा, बल्कि उसी समाज में लोकतंत्र का सच्चा स्वरूप प्रकट होगा और वह लोकतंत्र निश्चय ही दलविहीन होगा। प्रश्न
11. भ्रष्टाचार की जड़ क्या है? इसे दूर करने के लिए क्या सुझाव देंगे ?
उत्तर: आजादी के बाद जो स्वराज मिला उससे जेपी खुश नहीं थे। आजादी के बाद
भ्रष्टाचार की जड़े और मजबूत हुई है। बगैर घूस या रिश्वत दिये जनता का कोई कार्य
नहीं होता। शिक्षा संस्थाएँ भी भ्रष्ट हो गई है।
भ्रष्टाचार संबंधी जेपी के विचार उचित है। भ्रष्टाचार को जड़ मूल से नष्ट करने हेतु व्यवस्था में परिवर्तन लाना होगा। किरानी राज खत्म करना होगा। नौकरशाही को जड़-मूल से ट करना होगा। आज के नौकरशाह अभी भी अपने को जनता का सेवक नहीं समझते। वे अपने वरे सरकारी कर्मचारी मानते हैं। जो गुलामी के समय उनकी सोन भी वही सोन आज भी वर्तमान । नौकरशाहों को जनता का सेवक समझना होगा तभी भ्रष्टाचार को दूर किया जा सकता है। इन
12. जयप्रकाश नारायण कम्युनिस्ट पार्टी में क्यों नहीं शामिल हुए? (2022A)
उत्तर: जयप्रकाश नारायण कम्युनिस्ट पार्टी में इसलिए शामिल नहीं हुए क्योंकि उस मय भारत गुलाम था। उन्होंने लेनिन से जो सीखा था वह यह सीखा था कि जो गुलाम देश – वहाँ के जो कम्युनिस्ट है, उनको कदापि वहाँ की आजादी की लड़ाई से अपने को अलग की रखना चाहिए। चाहे उस लड़ाई का नेतृत्व ‘बुर्जुआ क्लास’ करता हो या पूँजीपतियों के थ में उसका नेतृत्व हो।