हेलो दोस्तों यदि आप भी बिहार के सरकारी स्कूल में 10th स्टडी कर रहे हैं तो आप सभी को पता हो कि आप लोगों का मासिक परीक्षा सितंबर महीने में होने वाला है इसी के संदर्भ में आप सभी को बताने वाले हैं कि प्रथम सावधिक परीक्षा 2024 किस तरह से Answer Key Download कर सकते हो वह भी आसान तो जी हां दोस्तों इसलिए हमारे शुरू से लेकर अंत तक पड़ेगा क्योंकि मैं इस आर्टिकल मेंदम बेहतर बारीकी से समझने वाला 10th की का Question Paper और Answer Key आप किस तरह से डाउनलोड कर सकते हैं
Class 10th Hindi September Monthly Exam Objective Answer Key Download Active Link 2024 Bihar Board
Class 10th Hindi September Monthly Exam Subjective Answer Key Download Active Link 2024 Bihar Board
Bihar Board 10th Hindi Objective Answer Key
1-B | 11-A | 21-C |
2-D | 12-D | 22-B |
3-A | 13-B | 23-B |
4A | 14-D | 24-D |
5-B | 15-A | 25-A |
6-C | 16-B | 26-B |
7-B | 17-C | 27-D |
8-C | 18-C | 28-C |
9-B | 19-A | 29-D |
10-C | 20-A | 30-A |
नीचे हमने कक्षा 10वीं हिन्दी के सब्जेक्टिव आंसर डाउनलोड करने के लिए लिंक दिए है। जिस पर क्लिक करके आप बिल्कुल आसान तरीके से पेपर एवं आंसर को डाउनलोड कर लीजिए।
1. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं पाँच के उत्तर दें
(i) मंगम्मा का अपनी बहू के साथ किस बात को लेकर विवाद था ?
Ans. मंगम्मा का अपनी बहू के साथ अधिकारों को लेकर विवाद था. मंगम्मा अपने बेटे और पोते पर अपना अधिकार बनाए रखना चाहती थीं, जबकि बहू यह मानने को तैयार नहीं थीं. बहू अपने पति पर अपना अधिकार समझती थीं
(ii) बहादुर ने लेखक का घर क्यों छोड़ दिया ?
Ans. ‘बहादुर’ कहानी में बहादुर ने लेखक के घर छोड़ने की वजहें ये रहीं:
1. बहादुर को लेखक के बेटे ने दिन-रात पिटाई की मालकिन ने उसे झिड़का और थप्पड़ लगाए II. चोरी के झूठे आरोप में बहादुर को घृणा और संदेह की दृष्टि से देखा जाने लगा.
iii. लोग उसे कुत्ते की तरह दुत्कारने लगे. बहादुर को पहले की तुलना में ज़्यादा डांटा और मारा जाने लगा.
iv. V. बहादुर के हाथ से सिल छूटकर गिर गई और दो टुकड़े हो गए. पिटाई के डर और लोगों के असभ्य व्यवहार से तंग आकर बहादुर ने अपना सारा सामान छोड़कर कहीं चला गया
(iii) कवि रामधारी सिंह दिनकर की दृष्टि में आज के देवता कौन हैं ?
Ans. कवि रामधारी सिंह दिनकर की दृष्टि में जनता ही आज का देवता है। क्योंकि वही खून-पसीना बहाकर देश-सेवा करती है। कवि कहता है कि मन्दिरों और मस्जिदों में देवता का वास नहीं है। खेत- खलिहानों, कारखानों आदि में काम करने वाले ही आज के देवता हैं।
(iv) कवि ‘प्रेमघन’ ने ‘डफाली’ किसे कहा है और क्यों ?
Ans. कवि बदरी नारायण प्रेमघन ने विदेशी रीति-नीति, खान-पान, वेशभूषा, भाषा-शैली को अपनाने वाले लोगों को ‘डफ़ाली’ कहा है. इन लोगों में क्षय वृत्ति बढ़ी हुई होती है. पाश्चात्य सभ्यता-संस्कृति को अपनाने वाले और अपनी सभ्यता-संस्कृति को हेय दृष्टि से देखने वाले लोगों को भी डफ़ाली कहा गया है.
(v) देवनागरी लिपि में कौन-कौन सी भाषाएँ लिखी जाती हैं ?
Ans. देवनागरी लिपि में ये भाषाएं लिखी जाती हैं: संस्कृत, हिन्दी, मराठी, कोंकणी, नेपाली, पालि, सिंधी, कश्मीरी, डोगरी, खस इसके अलावा, देवनागरी लिपि में ये भाषाएं भी लिखी जाती हैं अपभ्रंश, अवधी, भीली, भोजपुरी, बोडो, ब्रज, छत्तीसगढ़ी, गढ़वाली, हरियाणवी, हिंदुस्तानी देवनागरी लिपि, दुनिया में सबसे
किया जाता है. देवनागरी लिपि, गुप्त नाम की एक प्राचीन उत्तर भारतीय लिपि से विकसित हुई है. ब्राह्मी वर्णमाला से भी देवनागरी लिपि का विकास हुआ है
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन के उत्तर दें :
(iii) ‘बहादुर’ शीर्षक कहानी के एक प्रमुख पात्र कथावाचक का चरित्र-चित्रण करें ।
अमरकंत की कहानी ‘बहादुर’ में कथावाचक का चरित्र-चित्रण इस प्रकार है: कथावाचक कहानी का लेखक है. उन्होंने स्वयं को कहानी का पात्र बनाया है. कहानी की आत्म-कथात्मक रूप में रचना की है. कहानी को आगे बढ़ाने में कथावाचक के अलावा निर्मला और किशोर जैसे अन्य पात्र भी सहायक होते हैं. कहानी में बहादुर के बारे में कुछ और खास बातेंः बहादुर एक नेपाली लड़का था. वह लेखक के यहां नौकर था. बहादुर एक सीधा-साधा, भोला, और ईमानदार लड़का था. वह बहुत परिश्रमी था और घर के सभी काम करता था. वह हमेशा खुश रहता था और हंसता रहता था. वह व्यवहार कुशल था और घर के सभी सदस्यों को प्रभावित करता था. वह मातृ-पितृभक्त था और माता-पिता के प्रति अपने फ़र्ज़ को समझता था.
(iv) ‘विष के दाँत’ शीर्षक कहानी के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए ।
Ans. विष के दाँत’ कहानी का शीर्षक इसलिए सार्थक है क्योंकि इसमें अमीरों के दिखावे और गरीबों पर उनके अत्याचार को उजागर किया गया है. इस कहानी में अमीरों के दिखावे को विष के दाँतों के समान बताया गया है, जो गरीबों के शोषण का कारण बनता है. कहानी में खोखा के दाँत टूट जाते हैं, जो अमीरों की प्रदर्शन-प्रियता और गरीबों पर उनके अत्याचार के विरुद्ध एक चेतावनी है. गरीबों के प्रतीक खोखा ने मदन के दाँत तोड़कर गरीबों पर हुए अत्याचार का विरोध किया, जो इस कहानी के शीर्षक की सार्थकता को स्पष्ट करता है ‘विष के दाँत’ कहानी आचार्य नलिन विलोचन शर्मा द्वारा लिखी गई है. यह एक मनोवैज्ञानिक कहानी है. इसमें मध्य वर्ग के जीवन के कई अंतर्विरोधी पहलुओं को दिखाया गया है. इस कहानी में मध्य वर्ग की आर्थिक स्थिति का सफल चित्रण किया गया है.
(v) ‘माँ’ शीर्षक कहानी में मंगु को जिस अस्पताल में भर्ती की जाती है, उस अस्पताल के कर्मचारी व्यवहारकुशल हैं या संवेदनशील ? विचार करें ।
Ans. हां, माँ कहानी में मंगु को जिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था, वहां के कर्मचारी व्यवहारकुशल और संवेदनशील थे. मंगु की मां को अस्पताल के कर्मचारियों पर विश्वास नहीं था और उसे लगता था कि अस्पताल में मंगु की अच्छी देखभाल नहीं हो पाएगी. हालांकि, अस्पताल के कर्मचारियों ने मंगु की मां को आश्वस्त किया कि मंगु को तकलीफ़ नहीं होगी और उसे घर भेज दिया गया. अस्पताल के कर्मचारियों के व्यवहार से जुड़ी कुछ और बातें एक अधेड़ उम्र की परिचारिका ने मंगु को अपनी बेटी की तरह माना डॉक्टर, मैट्न, और अटेंडेंट का दिल भर आया जब उन्होंने मां का रोना देखा वे मन ही मन सोचने लगे कि किसी पागल का ऐसा रिश्तेदार किसी ने नहीं देखा.
निष्कर्ष:- हम आपको सितंबर मासिक परीक्षा का क्वेश्चन पेपर डाउनलोड करने के लिए इस आर्टिकल में बताएं मुझे उम्मीद है कि आपको यह आर्टिकल बहुत पसंद आया होगा अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया है अर्थात आप का इस आर्टिकल से मदद हुआ तो आप अपने दोस्तों को जरुर शेयर करें. धन्यवाद