1. प्रकाश की चाल के पदों में अपवर्तनांक की परिभाषा लिखें।
sini sinr उत्तर- – स्थिरांक। स्थिरांक के इस मान को दूसरे माध्यम का पहले माध्यम के सापेक्ष अपवर्तनांक कहते हैं। अर्थात् प्रकाश किरण दूसरे माध्यम में दिए युग्म के लिए होने वाले दिशा परिवर्तन के विस्तार को अपवर्तनांक के रूप में व्यक्त किया जाता है।
2. हम वाहनों में उत्तल दर्पण को पश्च दृश्य दर्पण के रूप में वरीयता क्यों देते हैं ? अथवा, मोटर गाड़ी में साइड मिरर के रूप में प्रायः किस प्रकार के. गोलीय दर्पण का उपयोग किया जाता है ?
‘उत्तर- सामान्यतः वाहनों के पश्च दृश्य (wing) दर्पणों के रूप में उत्तल दर्पणों का उपयोग करते हैं। इनमें ड्राइवर अपने पीछे के वाहनों को देख सकते हैं जिससे वे सुरक्षित रूप से वाहन चला सकें। उत्तल दर्पणों को इसलिए भी प्राथमिकता देते हैं, क्योंकि ये सदैव सीधा, प्रतिबिंब बनाते हैं
3. हम वाहनों में उत्तल दर्पण को पश्च दृश्य दर्पण के रूप में अथवा, मोटर गाड़ी में साइड मिरर के रूप में प्रायः किस प्रकार के गोलीय दर्पण का उपयोग किया जाता है?
उत्तर- उत्तल दर्पणों का उपयोग सामान्यतः वाहनों के पश्च- दृश्य (wing) दर्पणों के रूप में करते हैं। इनमें ड्राइवर अपने पीछे के वाहनों को देख सकते हैं जिससे वे सुरक्षित रूप से वाहन चला सकें । उत्तल दर्पणों को इसलिए भी प्राथमिकता देते हैं, क्योंकि ये सदैव सीधा, प्रतिबिंब बनाते हैं लेकिन वह छोटा होता है। इनका दृष्टि क्षेत्र भी बहुत अधिक है क्योंकि ये बाहर की ओर वक्रित होते हैं । समतल दर्पण की तुलना में उत्तल दर्पण ड्राइवर को अपने पीछे के बहुत बड़े क्षेत्र को देखने में समर्थ बनाते हैं । इसलिए वे बेहतर हैं।
4. निम्न स्थितियों में प्रयुक्त दर्पण का प्रकार बताइए- (a) किसी कार का अग-दीप (हैड लाइट), (b) किसी वाहन का पार्श्व/पश्च- दृश्य दर्पण, (c) सौर पट्टी ।
उत्तर- (a) किसी कार का अग्रदीप अवतल दर्पण का बना होता है। वाहनों के अग्रदीपों (headlights) में प्रकाश का शक्तिशाली समांतर किरण पुंज प्राप्त करने के लिए अवतल दर्पण का प्रयोग किया जाता है।
(b) उत्तल दर्पण का उपयोग सामान्यतः वाहनों के पश्च दृश्य देखने में किया जाता है। ये दर्पण वाहन के पार्श्व में लगे होते हैं। इनमें ड्राइवर | अपने पीछे के वाहनों को देख सकते हैं जिससे वे सुरक्षित रूप से वाहन चला सकें।
(c) सौर भट्टियों में सूर्य के प्रकाश को केन्द्रित करने के लिए बड़े। अवतल दर्पणों का उपयोग किया जाता है।
5. क्या कारण है कि पानी भरे टब में तल पर रखा सिक्का हमें ऊँचा उठा हुआ प्रतीत होता है ?
अथवा पानी में रखा सिक्का उठा हुआ दिखता है। क्यों ?
उत्तर- इसका कारण प्रकाश का अपवर्तन है। जब प्रकाश की किरण सघन माध्यम से चलकर विरल माध्यम में प्रवेश करती है, तो अभिलम्ब से दूर हट जाती है, जिसके कारण बाहर से देखने पर हमें सिक्का ऊपर उठा दिखायी देता है।
4.4| कार्बन द्वारा यौगिक
कार्बन हमेशा सह संयोजी आबंध बनाता है। इसके निम्न कारण है:
(i) कार्बन 4 इलेक्ट्रॉन छोड़कर C++ नही बना सकता क्योंकि इन चार इलेक्ट्रॉनों को निकालने के लिए अत्यधिक मात्रा में ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
(ii) इसी तरह 4 इलेक्ट्रॉन लेकर C- नहीं बना सकता क्योंकि कार्बन का आकार छोटा होने के कारण इसके लिए नए 4 इलेक्ट्रॉनों को धारण कर पाना अत्यंत कठिन है।
प्रश्न .6 (n) परागण किसे कहते हैं। वर्षा होने पर परागण पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर- पुंकेसर के परागकोश से स्त्रीकेसर के वर्तिका पर परागकण के स्थानांतरण को परागण कहते हैं। परागकणों का यह स्थानांतरण जब एक ही फूल के अथवा एक ही पौधे के दो फूल के बीच होता है तब इसे स्वपरागण कहते हैं। स्व-परागण करने वाले फूल अधिकतर सफेद होते हैं। जब परागण क्रिया एक ही जाति के दो अलग-अलग पौधों के फूलों के बीच संपन्न होती है तब इसे पर परागण कहते हैं। पर-परागण करने वाले फूल रंगीन तथा चमकदार होते हैं। पर परागण में परागकणों का स्थानांतरण कीट द्वारा, हवा द्वारा और पानी द्वारा होता है। परागण के फलस्वरूप बीज और फल बनते हैं। वर्षा होने पर परागण की क्रिया मंद हो जाती है
प्रश्न 7. वन संरक्षण के लिए कुछ उपाय सुझाइए। उत्तर- वनों के संरक्षण हेतु वनों का नियंत्रण वहाँ के मूल निवासियों
के हाथ में दे देना चाहिए। इस बात के पर्याप्त प्रमाण हैं कि स्थानीय निवासी परंपरानुसार वनों के संरक्षण का प्रयास कर रहे हैं। उदहारण के लिए अमृता देवी विश्नोई की स्मृति में दिया जाने वाला राष्ट्रीय पुरस्कार जिन्होंने 1731 में राजस्थान के जोधपुर के पास खेजराली गाँव में ‘खेजरी वृक्षों’ को बचाने हेतु 363. लोगों के साथ अपने आपको बलिदान कर दिया था। संरक्षित क्षेत्रों में पर्यटकों द्वारा अथवा उनकी सुविधा के लिए की गयी व्यवस्था से वनों में होने वाली क्षति के बारे में भी सोचना होगा। वनों की प्राकृतिक छवि में मनुष्य का हस्तक्षेप बहुत अधिक है। इस हस्तक्षेप की प्रकृति एवं सीमा को नियंत्रित करना होगा। वन संसाधनों का उपयोग इस प्रकार करना होगा जो पर्यावरण एवं विकास दोनों के हित में हो। ‘चिपको आंदोलन’ बहुत तेजी से बहुत से समुदायों में फैला । 1970 के बाद एवं जन संचार ने भी इसमें योगदान दिया तथा सरकार को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि वनों के विनाश से केवल वन की उपलब्धता ही नहीं प्रभावित होगी वरन् मिट्टी की गुणवत्ता एवं जल स्रोत भी प्रभावित होते हैं। स्थानीय लोगों की भागीदारी से निश्चित रूप से वनों के प्रबंधन की दक्षता बढ़ेगी।
प्रश्न 8. (a) विभिन्नता क्या है, परिभाषित करें।
उत्तर- अगर एक ही तरह के जनकों से उत्पन्न संतानों का अवलोकन किया जाय तो उनमें हमें कुछ न कुछ अंतर अवश्य मिलेंगे। यह अंतर रंग-रूप, शरीर की गठन, आवाज, मानसिक क्षमता आदि के रूप में नजर आते हैं। एक ही प्रजाति के जीवों में दिखनेवाले ऐसे अंतर आनुवंशिक (genetic) अंतर या वातावरणीय दशाओं (environmental conditions) में अंतर के कार होते हैं। एक ही जाति के विभिन्न सदस्यों में पाए जानेवाले इन्हीं अंतरों को विभिन्नता (variation) कहते हैं। अतः विभिन्नता जीव के ऐसे गुण हैं जो उसे अपने जनकों अथवा अपनी ही जाति के अन्य सदस्यों के उसी गुण मूल स्वरूप से भिन्नता को दर्शाते हैं।
प्रश्न 9. (a) दूर दृष्टि दोष वाला व्यक्ति आकाश में देखते समय चश्मा उतारना पसंद करता है। क्यों?
उत्तर- दूर दृष्टि दोष वाला व्यक्ति दूर की चीजों को आसानी से देख पाता है। अतः वह चश्मा उतारकर ही दूर की वस्तुओं को आसानी से देख पाता है। यही कारण है कि दूर-दृष्टि दोष वाला व्यक्ति आकाश की ओर देखने पर अपना चश्मा उतार देता है।