Answer – यदी किस बिंदु पर विद्युत विभव तथा विद्युत क्षेत्र की तीव्रता में –
संबंध है। जिससे यह स्पष्ट होता है की विद्युत क्षेत्र के किसी बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता उस बिंदु पर विद्युत विभव के दुरी के साथ परिवर्तन की दर के ऋणात्मक मान के बराबर होती है।
Q.No.2. प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में प्रतिघात एवं प्रतिबाधा क्या है
Answer- प्रतिघात-प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में केवल प्रेरक कुण्डली अथवा केवल संधारित्र के द्वार प्रत्यावर्ती धारा के मार्ग में उत्पन्न अवरोध को प्रतिघात कहते है। प्रतिबाधा-प्रत्यावर्ती परिपथ में ओमीय प्रतिरोध, प्रेरक कुण्डली और संधारित्र में से दो या दो से अधिक अवयवों के द्वारा डाले गये अवरोध को प्रतिबाधा कहते है।
Q.No.3. शंट क्या है ? इसके दो उपयोग लिखें
Answer – शन्ट (shunt), विद्युत परिपथ मे लगायी वाली एक युक्ति है जिसके मुख्यतः दो उपयोग हैं- (१) परिपथ की किसी शाखा से होकर जाने वाली धारा को दूसरे मार्ग से भेजना, (२) परिपथ की किसी शाखा में बहने वाली धारा का मापन करना।
Q.No.4. प्राथमिक और द्वितीयक इंद्रधनुष में अंतर स्पष्ट करें
Answer – प्राथमिक एवं द्वितीयक “इन्द्रधनुष” में क्या अंतर होता है? प्राथमिक इंद्रधनुष पानी की बूंद के अंदर एक प्रतिबिंब से बनता है। द्वितीयक इंद्रधनुष छोटी बूंद के अंदर एक दूसरे प्रतिबिंब के कारण होता है और यह “”पुनः परावर्तित”” प्रकाश के अपवर्तन के कारण द्वितीयक इंद्रधनुष का निर्माण होता है।
Q.No.5. आवृत्ति मॉडुलन को समझायें
Answer – आवृत्ति मॉडुलन (फ्रिक्वेंसी मॉड्यूलेशन), मॉडुलन का एक
प्रकार है जहाँ मॉड्यूलेटिंग संकेत के आयाम अनुसार के वाहक की तात्क्षणिक आवृत्ति बदली जाती है और इस वाहक का आयाम अपरिवर्ती बना रहता है। इसका उपयोग अनेक स्थानों पर होता है जैसे- दूरसंचार, रेडियो प्रसारण, संकेत प्रसंस्करण, तथा संगणन (कम्प्युटिंग)
Q.NO.6. विद्युत अनुनाद को समझायें.
Answer- जब परिपथ तत्वों में विद्युत के अवरोध और प्रवेश एक-दूसरे को इस प्रकार रद्द करते हैं कि धारा अधिकतम हो जाती है, तो विद्युत अनुनाद होता है। विद्युत अनुनाद एक विशिष्ट गुंजयमान आवृत्ति पर विद्युत परिपथ में होता
Q.NO.7. पाश्चन श्रेणी से आप क्या समझते हैं
Answer- जब इलेक्ट्रॉन उच्च कक्षाओं n = 4, 5,6…… आदि से निम्न कक्षा n = 3 में लौटता है तो इससे प्राप्त श्रेणियों को पाश्चन श्रेणी कहते हैं।
1/A = R[1/32 – 1/n2] यह श्रेणी अवरक्त भाग से प्राप्त होता
Q.NO.8. आवेश के आयतन घनत्व की परिभाषा दें। इसके S.I. मात्रक को लिखें।
-> Answer- आयतन घनत्व : यह प्रति एकांक आयतन में आवेश का परिमाण है। इसे संकेत P से व्यक्त किया जाता है, जहाँ p = AQ/Av. p Lucation
*आवेश के आयतन घनत्व का S.I मात्रक = Cm-3 होता है।
Q.NO.9. परमाणु के बोर मॉडल की दो कमियों का उल्लेख करें
Answer- किसी भी कक्षा में इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा समय के साथ नहीं परिवर्तित
होती है, तथापि कोई इलेक्ट्रॉन निम्न स्थायी स्तर से उच्च स्थायी स्तर पर तब
जाएगा, जब वह आवश्यक ऊर्जा का अवशोषित करेगा अथवा इलेक्ट्रॉन के
उच्च स्थायी स्तर से निम्न स्तर पर आने के बाद ऊर्जा का उत्सर्जन होगा ।
ऊर्जा परिवर्तन सतत तरीके से नहीं होता है।
Q.NO.10. सौर सेल को समझाएँ?
Answer- सौर बैटरी या सौर सेल फोटोवोल्टाइक प्रभाव के द्वारा सूर्य या प्रकाश के किसी अन्य स्रोत से ऊर्जा प्राप्त करता है। अधिकांश उपकरणों के साथ सौर बैटरी इस तरह से जोड़ी जाती है कि वह उस उपकरण का हिस्सा ही बन जाती जाती है और उससे अलग नहीं की जा सकती। सूर्य की रोशनी से एक या दो घंटे में यह पूरी तरह चार्ज हो जाती है।
Q.No.11. डी-ब्रॉग्ली तरंगदैर्ध्य का व्यंजक प्राप्त करें। Edu
Answer- डी ब्रेय तरंग – डी ब्राग्ली के अनुसार तरंग किसी कण की गति – निर्धारित कर सकती अतः गतिशील कण में सम्बद्ध तरंगे को डी ब्राग्ली तरंग कहते है।
तरंगदैधर्य का व्यंजक – \=h/mc = h/P जहाँ P = फोटॉन का संवेग