(1) ‘नीतिश्लोकाः’ पाठ से हमें क्या शिक्षा मिलती है ?
उत्तर- विदुर नीति ग्रंथ से नीतिश्लोकाः पाठ उद्धृत है। इसमें महात्मा विदुर मन को शांत करते के लिए कुछ श्लोक लिखे हैं । इन श्लोकों से हमें यह शिक्षा मिलती है कि सांसारिक सुख क्षणिक और आध्यात्मिक सुख स्थायी है । सुंदर आचरण से हम बुरे आचरण को समाप्त कर सकते हैं। काम, क्रोध, लोभ और मोह को नष्ट करके नरक गमन से बच सकते हैं (2) पाटलिपुत्र के वैभव पर प्रकाश डालें ।
उत्तर- बिहार राज्य की राजधानी पटना का वर्णन भारतीय मनीषियों ने ही नहीं विदेशी यात्री जैसे-मेगास्थनीज, फाह्यान आदि ने भी किया है। इस नगर का इतिहास दो हजार वर्ष के आस-पास गिना जाता है। यहाँ के धार्मिक क्षेत्र, उद्योग क्षेत्र और राजनैतिक क्षेत्र विशेष रूप से ध्यानाकर्षक हैं । पाणिनी, पतञ्जली, वररुचि, पिंगल आदि ने भी पाटलिपुत्र को विशेष स्थान के रूप में देखा है। गंगा के तट पर बसा हुआ पाटलिपुत्र एक महानगर है T
(3) ‘अलस कथा’ पाठ से क्या शिक्षा मिलती है ? उत्तर- मैथिली कवि विद्यापति द्वारा रचित ‘अलसकथा’ में आलसियों के माध्यम से शिक्षा दी गई है कि उनका भरण-पोषण करुणाशीलों के बिना नहीं है। आलसी काम नहीं करते, ऐसी स्थिति में कोई दयावान ही उनकी व्यवस्था कर सकता (4) विजयांका को ‘सर्वशुक्ला सरस्वती’ क्यों कहा गया है ?
उत्तर -सर्वशुक्ला सरस्वती, विजयाङ्का को कहा गया है । लौकिक संस्कृत में विजयाङ्का की भूमिका सराहनीय है। उसके पदों की सौष्ठवता देखने में बनती है । एक असाधारण लेखिका की पराकाष्ठा से प्रभावित होकर ही दण्डी ने उसे सर्वशुक्ला सरस्वती कहा है । विजयाङ्का श्याम वर्ण की थी किन्तु उसकी कृतियाँ ज्योतिर्मय थीं । नीलकमल की पंखुड़ियों की तरह विजयाङ्का अपनी रचना में अद्भुत लेखनकला की आभा बिखेरती है ।
(5) भारतीय लोगों की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण विशेषता क्या है ? उत्तर- भारत में जन्म लेकर लोग धन्य होते हैं और हरि की सेवा करते हैं। उन्हें स्वर्ग और मोक्ष प्राप्त होता है भारतीय धर्म और जाति के भेदभावों को न मानते हुए एकता के भाव से रहते हैं। सभी भारतीयों की देशभक्ति आकर्षक है और दूसरों के लिए आदर्शरूपी है