प्रश्न 1. जैविक आवर्धन क्या है? क्या पारितंत्र के विभिन्न स्तरों पर जैविक आवर्धन का प्रभाव भी भिन्न होता है? क्यों ।
उत्तर- हमारी आहार श्रृंखला में कुछ रासायनिक पदार्थ जो कि अजैव निम्नीकृत होते हैं, मिट्टी के माध्यम से पौधों में प्रवेश कर जाते हैं और हर उस जीव में प्रवेश कर जाते हैं जो पौधों पर आश्रित है।
क्योंकि ये पदार्थ अजैव निम्नीकृत हैं, यह प्रत्येक पोषी स्तर पर उत्तरोत्तर संग्रहित होते जाते हैं और यही जैविक आवर्धन कहलाता है।
जैविक आवर्धन का प्रभाव आहार श्रृंखला के ऊपरी भाग में भयावह होता है क्योंकि सबसे अधिक संग्रहित रासायनिक पदार्थ वहीं पहुँचता है मनुष्य आहार श्रृंखला में शीर्षस्थ है। अतः हमारे शरीर में यह रसायन सर्वाधिक मात्रा में संचित होता है।
प्रश्न 2 . अनुरक्षण क्या है?. अनुरक्षण के लिए कौन-कौन सी क्रियाएँ आवश्यक है?
उत्तर- सजीवों में जीवन के समस्त कार्यों को सुव्यस्थित ढंग से करने के लिए जीवन की कई निश्चित व्यवस्था निम्न प्रक्रियाओं का होना आवश्यक है। अनुरक्षण के लिए निम्न प्रक्रियाओं का होना आवश्यक है-पोषण, श्वसन, उत्सर्जन एवं परिवहन। ये सारी प्रक्रियाएँ जीवों की मूलभूत आवश्यकता है। ऊर्जा की प्राप्ति के लिए पोषण जरूरी है। पाचित भोज्य पदार्थ के दहन के लिए श्वसन जरूरी है एवं हानिकारक अपशिष्टों के निष्कासन के लिए उत्सर्जन जरूरी है। । प्रश्न 3. तारे टिमटिमाते हैं लेकिन ग्रह नहीं टिमटिमाते हैं, क्यों? उत्तर-ग्रह तारों की अपेक्षा हमारे समीप है। इनसे इतना प्रकाश उत्पन्न होता है कि वायुमंडलीय परतों के घनत्वों के अस्थायित्व के प्रभाव के चलते प्राप्त किरणों की संख्या में अपेक्षाकृत नगण्य अनुभव होता है। ये स्थायी रूप से चमकते नजर आते हैं। तारों से चलने वाले प्रकाश वायुमंडल के विभिन्न घनत्व वाले परतों से गुजरने पर किरणों के पथ में विचलन होता है। तारों का प्रकाश विभिन्न क्षणों में परिवर्ती होते हैं और तारे निदिष्ट स्थान के इर्द-गिर्द चमकते हुए दीखते हैं। अतः तारे आकाश में टिमटिमाते नजर आते है लेकिन ग्रह नहीं।
प्रश्न 4. अवतल दर्पण, उत्तल दर्पण और समतल दर्पण को छूकर
एवं बिना छूये हुए कैसे पहचान करेंगे? उत्तर- अवतल दर्पण को छूने पर पता चलता है कि इसका परावर्तक सतह नत होता है। उत्तल दर्पण का परावर्तक सतह उभरा होता है। समतल दर्पण का परावर्तक सतह समतल होता है। तीनों दर्पणों के फोकस के भीतर एक वस्तु पिन को बारी-बारी से रखा जाता है। जिस दर्पण में वस्तु पिन का प्रतिबिंब आभासी, सीधा और बड़ा दिखाई पड़े वह अवतल दर्पण है। जिस दर्पण में वस्तु का प्रतिबिंब आभासी, सीधा, छोटा दिखाई पड़े, वह उत्तल दर्पण है। जिस दर्पण में वस्तु का प्रतिबिंब आभासी, सीधा और वस्तु के आकार के बराबर दिखाई पड़े, वह समतल दर्पण है। प्रश्न 5। . दृष्टिदोष क्या है? यह कितने प्रकार का होता है ? उत्तर सामान्य नेत्र द्वारा 25 सेमी पर की वस्तु को स्पष्ट देखा जाता है। जब इस स्पष्ट दर्शन की न्यूनतम दूरी पर वस्तु को स्पष्ट नहीं देख पाता है तो कहा जाता है कि नेत्र में दृष्टिदोष है। यह मुख्यतः चार प्रकार का होता है- (i) लघु दृष्टि या निकट दोष (ii) दीर्घ या दूर दृष्टि दोष (iii) जरा दृष्टि दोष (iv) अबिंदुकता
प्रश्न 6. विद्युत संचरण के उत्तर कॉपर और ऐलुमिनियम के तार में प्रतिरोधकता मिश्रधातुओं से बने तारों की अपेक्षा काफी कम होती है। साथ ही इनके अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल क्रोमियम और टंगस्टन के तार की तुलना में काफी अधिक है। अतः कॉपर और ऐलुमिनियम के तार के प्रतिरोध काफी कम होता है। इसमें मुक्त रूप से गमन करने वाले इलेक्ट्रॉनों की संख्या अधिक होती है।
अतः विद्युत संचरण के लिए प्राय: कॉपर और ऐलुमिनियम के तारों का उपयोग किया जाता है। प्रश्न 7. ‘चिपको आंदोलन’ क्या है?
उत्तर- ‘चिपको आंदोलन’ हिमालय की ऊँची पर्वत श्रृंखला में गढ़वाल करेनी’ नामक गाँव में एक घटना से 1970 के प्रारंभिक दशक में हुआ था। यह विवाद लकड़ी के ठेकेदार एवं स्थानीय लोगों के बीच प्रारंभ हुआ क्योंकि गाँव के समीप के वृक्ष काटने का अधिकार उसे दे दिया गया था। एक निश्चित दिन ठकेदार के आदमी वृक्ष काटने के लिए आए जबकि वहाँ के निवासी पुरुष वहाँ नहीं थे। बिना किसी डर के वहाँ की महिलाएँ फौरन वहाँ पहुँच गई तथा उन्होंने पेड़ों को अपनी बाँहों में भरकर (चिपक कर ठेकेदार के आदमियों को वृक्ष काटने से रोका। अंततः ठेकेदार को अपना काम बंद करना पड़ा।
प्रश्न 8. अनुरक्षण क्या है? अनुरक्षण के लिए कौन-कौन सी क्रियाएँ आवश्यक है?
उत्तर- सजीवों में जीवन के समस्त कार्यों को सुव्यस्थित ढंग से करने के लिए जीवन की एक निश्चित व्यवस्था निम्न प्रक्रियाओं का होना आवश्यक
प्रश्न 9. कचरा प्रबंधन कैसे किया जा सकता है?
उत्तर- कचरे को एक जगह एकत्र कर उसका वैज्ञानिक तरीके से समुचित निपटारा करने को कचरा प्रबंधन कहते हैं। भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर कचरे को एकत्र करने के लिए बड़ी-बड़ी धानियाँ होनी चाहिए। ऐसे अपशिष्ट जिनका पुनः चक्रण संभव है, को अलग कर अन्य अपशिष्टकों को इन धानियों में एकत्र करना चाहिए। पुनः चक्रण वाले कचरे को वैसे लोगों को दे देनी चाहिए जो इनका उपयोग करते हैं। कचरे को एकत्रित कर उसे शहर के बाहर जला देना चाहिए या गड्ढों को भरने में उपयोग किया जाना चाहिए।
ठोस कचरे के अलावा उद्योगों से निष्कासित तरल अपशिष्टों एवं विभिन्न प्रकार के मलजल (sewage) को भी पाइपों के द्वारा एक जगह एकत्रित कर समुचित निपटारा किया जाना चाहिए। इसके लिए जीवाणुओं का भी प्रयोग होता है। इस प्रकार से कचरा प्रबंधन किया जा सकता है। प्रश्न 10. पादप हॉर्मोन क्या हैं? किन्हीं चार पादप हॉर्मोन के नाम लिखें ।
उत्तर- पोषक तत्त्वों को छोड़कर, यदि कोई अन्य रसायन पौधा