प्रश्न 1. नई कार्तीय चिह्न परिपाटी के अनुसार गोलीय लेंस में आवर्धन किस प्रकार बदलता है?
उत्तर- किसी उत्तल लेंस के प्रकरण में आवर्धन जब प्रतिबिम्ब आभासी होता है तब धनात्मक तथा जब प्रतिबिम्ब वास्तविक होता है तब ऋणात्मक होता है। किसी अवतल लेंस के प्रकरण में आवर्धन अवतल लेंस द्वारा सदैव आभासी प्रतिबिम्ब बनाने के कारण सदैव धनात्मक होता है।
प्रश्न 2. तारे टिमटिमाते है लेकिन ग्रह नहीं टिमटिमाते हैं, क्यों? उत्तर- ग्रह तारों की अपेक्षा हमारे समीप है। इनसे इतना प्रकाश उत्पन्न होता है कि वायुमंडलीय परतों के घनत्वों के अस्थायित्व के प्रभाव के चलते प्राप्त किरणों की संख्या में अपेक्षाकृत नगण्य कभी अनुभव होता है। ये स्थायी
प्रश्न 3. भूतापीय ऊर्जा क्या है? उत्तर- भौमिकीय परिवर्तनों के कारण भूपर्पटी में गहराइयों पर तप्त क्षेत्रों में पिघली चट्टानें ऊपर की ओर ढकेल दी जाती है जो कुछ क्षेत्रों में एकत्र हो जाती है। इन क्षेत्रों को तप्त स्थल कहते हैं। जब भूमिगत जल इन तप्त स्थलों के संपर्क में आता है तो भाप उत्पन्न होता है। कभी-कभी यह भाप चट्टानों के बीच में फँस जाती है जहाँ इनका दाब अत्यधिक हो जाता है तप्त स्थलों तक पाइप डालकर इस दाब वाले भाप को निकालकर विद्युत जनित्र के टरबाइन पर डाला जाता है जिससे टरबाइन में घूर्णन गति उत्पन्न होता है और विद्युतः उत्पन्न होता है। यह तप्त भाप, भूतापीय ऊर्जा का स्रोत बन जाता है। इसे ही भूतापीय ऊर्जा कहते हैं।
प्रश्न 4 नई कार्तीय चिह्न परिपाटी के अनुसार गोलीय लेंस में आवर्धन किस प्रकार बदलता है?
प्रश्न 5. तारे टिमटिमाते है लेकिन ग्रह नहीं टिमटिमाते हैं, क्यों? उत्तर-ग्रह तारों की अपेक्षा हमारे समीप है। इनसे इतना प्रकाश उत्पन्न होता है कि वायुमंडलीय परतों के घनत्वों के अस्थायित्व के प्रभाव के चलते प्राप्त किरणों की संख्या में अपेक्षाकृत नगण्य कभी अनुभव होता है। ये स्थायी’
उत्तर-किसी उत्तल लेंस के प्रकरण में आवर्धन जब प्रतिबिम्ब आभासी होता है तब धनात्मक तथा जब प्रतिबिम्ब वास्तविक होता है तब ऋणात्मक होता है। किसी अवतल लेंस के प्रकरण में आवर्धन अवतल लेंस द्वारा सदैव आभासी प्रतिबिम्ब बनाने के कारण सदैव धनात्मक होता है।
प्रश्न 6. आनुवांशिक गुण से आप क्या समझते हैं ? मानव में लक्षणों की वंशागति के नियम इस बात पर आधारित
उत्तर है कि माता एवं पिता दोनों ही समान मात्रा में आनुवांशिक पदार्थ को संतति (शिशु) में स्थानांतरित करते हैं। इसका अर्थ यह है कि प्रत्येक लक्षण पिता और माता के डी० एन० ए० से प्रभावित हो सकते हैं। अतः प्रत्येक लक्षण के लिए प्रत्येक संतति में दो विकल्प होंगे। फिर संतान में कौन-सा लक्षण परिलक्षित होगा ।
प्रश्न 7. पारितंत्र में अपमार्जकों की क्या भूमिका होती है ? • पारितंत्र में कुछ सूक्ष्म जीवाणुओं जैसे बैक्टीरिया, कवकों तथा
उत्तर प्रोटोजोआ द्वारा पौधों एवं जंतुओं के मृत शरीर एवं वर्ज्य पदार्थों का अपघटन होता है अतः ये अपघटनकर्ता या अपघटक कहलाते हैं। ऐसे जीव पौधों एवं जंतुओं के मृत शरीर एवं वर्ज्य पदार्थों में उपस्थित जटिल कार्बनिक पदार्थों को अकार्बनिक तत्वों में विघटित कर देते हैं। विघटन के उपरांत गैसीय तत्व जैसे नाइट्रोजन एवं ऑक्सीजन वायुमंडल में मुक्त कर दिये जाते हैं। ठोस पदार्थ एवं द्रव मृदा में चल जाते हैं। जहाँ से वे जलमंडल में विलीन हो जाते हैं। ऐसे सूक्ष्मजीवों (जीवाणु एवं कवक) को सूक्ष्म उपभोक्ता अथवा सेप्रोट्रॉफ की संज्ञा दी गई है अपमार्जित पदार्थ पुनः हरे पौधों द्वारा चक्रित हो जाते हैं ।